विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी: जैसा कि हम सभी जानते हैं फिल्मों का हमारे जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। फिल्में हमें अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने और समझने में मदद कर सकती हैं और हमारे जीवन को विकसित करने में हमारी मदद कर सकती हैं। इसके अलावा फिल्मों में हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता भी होती है।
वैसे तो फिल्मों की शुरुआत काफी पहले हो चुकी थी लेकिन इसमें मानव विकास की तरह एक बाद एक विकास हुआ है। आज हमारे पास आधुनिक मशीन हैं जिनसे हम एक दम रीयलिस्टिक दिखने वाली फिल्म बना सकते हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था हालाकि इस समय कैमरा का आविष्कार हो चुका था लेकिन ये कुछ खास नहीं था।
वैसे आज के कैमरे इतने एडवांस हैं कि इनसे आप 3D फिल्में भी बना सकते हैं और कैरक्टर के एक एक मोशन को कैप्चर कर सकते हैं एक तरह से कैमरे फिल्मों को सजीव करने का काम करते हैं। आपको बता दे कि फिल्म इंडस्ट्रीज कोई ज्यादा पुरानी नहीं है लेकिन इसके बावजूद पहली की तुलना में इसमें काफी विकास हो गया है।
तो चलिए जानते हैं दुनिया की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी वैसे इंटरनेट के आ जाने से बाकि चीजों के साथ फिल्मी दुनिया में भी काफी बदलाव आ गया है इंटरनेट की मदद से अब तुरंत पता चल जाता है आने वाली फिल्में कौन कौन सी हैं और कब रिलीज़ होंगी इसके अलावा काफी कंपनी अब इंटरनेट में ही अपनी फिल्में रिलीज कर रही हैं।
विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी
ऐसा माना जाता है कि ‘Roundhay Garden Scene’ विश्व की पहली पहली फिल्म थी इस फिल्म का निर्माण 1888 में एक फ्रांसीसी आविष्कारक लुई ले प्रिंस ने किया था। यह एक मूक फिल्म थी जो बहुत ही छोटी केवल 2.11 सेकेंड की थी। इस फिल्म की शूटिंग Roundhay, Leeds ओकवुड गार्डन इंग्लैंड में हुई थी। यह एक ऐसी जगह है जो अपने बगीचों के लिए बहुत प्रसिद्ध है और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
लुइस ले प्रिंस ने इस फिल्म को डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया था। इसमें अभिनय करने वाले अभिनेता एनी हार्टले, एडोल्फ ले प्रिंस, जोसेफ व्हिटली और सारा व्हिटली थे। फिल्म का निर्देशन और निर्माण करने के अलावा लुइस ले प्रिंस ने सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग की जिम्मेदारियों को भी संभाला। यह फिल्म 14 अक्टूबर 1888 को दो देशों, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस में रिलीज की गयी थी।
विश्व की सबसे पहली बोलती फिल्म कौन सी थी
विश्व की पहली बोलती फिल्म ‘द जैज़ सिंगर’ थी जो 6 अक्टूबर 1927 को रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म द जैज़ सिंगर नाटक से प्रेरित थी जब इस फिल्म को बनाया तो उस समय सोचा गया कि इसमें केवल गाने ही आवाज दी जाएगी लेकिन मुख्य अभिनेता अल जोल्सन के पास अन्य विचार थे। उन्होंने फिल्म में कुछ संवाद बोलना शुरू किया और निर्माताओं और निर्देशकों ने उन पंक्तियों को फिल्म में शामिल करने का फैसला किया।
फिल्म का निर्माण एलन क्रॉसलैंड द्वारा किया गया था और डेरिल ज़नक द्वारा निर्देशित किया गया था। इस फिल्म के साथ ही साइलेंट फिल्मों का दौर खत्म हो गया था और अब हम फिल्मों को देखने के साथ उनके डायलॉग सुन भी सकते थे यह फिल्म इंडस्ट्रीज में काफी बड़ा बदलाव था।
विश्व की सबसे पहली रंगीन फिल्म कौन सी थी
दुनिया की पहली रंगीन फिल्म ‘A Trip to the Moon’ को मान सकते हैं इस फिल्म को साल 1902 में देख सकते हैं लेकिन यह आज के जैसी दिखने वाली कलर फिल्म नहीं थी वैसे इसे कलर फिल्म बनाने के लिए किनेमाकोलर प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया था।
किनेमाकोलर एक फिल्म प्रक्रिया है जो विभिन्न रंगों को बनाने के लिए लाल और हरे रंग के फिल्टर का उपयोग करती है। यह 1900 के दशक में बहुत क्रांतिकारी था और आप इसे फिल्म ‘A Trip to the Moon’ में इस्तेमाल करते हुए देखकर इसे एक्सपीरियंस कर सकते हैं।
वैसे अगर विश्व की पहली पूरी रंगीन फिल्म की बात करें तो वह ‘The Toll of the Sea’ फिल्म थी जिसे 1922 में रिलीज किया गया था यह एक सफल फिल्म थी जिसके बाद लोगो का रुझान फिल्मों की तरफ बढ़ने लगा था।
वर्ल्ड की नंबर वन मूवी कौन सी है
वर्तमान समय में मूवी के कलेक्शन पर उसकी लोकप्रियता को आंका जा सकता है फिल्म को जितने ज्यादा लोग देखेंगे उसकी कमाई उतनी ही ज्यादा होगी ऐसे में हम मान सकते हैं जेम्स कैमरून की 2009 की फिल्म ‘अवतार’ दुनिया की नंबर वन मूवी है।
इस फिल्म ने दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर $2.91 बिलियन (24 हजार करोड़ रुपये) से अधिक की कमाई की है। पिछले साल चीन में इसकी फिर से रिलीज़ ने इसे अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बना दिया।
अभी तक कोई और फिल्म इसका रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई है। यहाँ तक की अवतार का दूसरा पार्ट द वे ऑफ वाटर भी अभी पीछे है जेम्स कैमरन की यह फिल्म अवतार 2009 अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है।
भारत की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी
पहली भारतीय फिल्म का नाम राजा हरिश्चंद्र था और इसे 1913 में बनाया गया था। इस फिल्म के निर्देशक दादासाहेब फाल्के थे और इसे बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है हालाकि यह एक मूक और ब्लैक एंड वाइट फिल्म थी लेकिन इस मूवी ने ही भारतीय फिल्म इंडस्ट्रीज की नीव रखी थी।
इस फिल्म को बनाना आसान नहीं था फिर भी कुछ कठिन चुनौतियों पर काबू पाने के बाद फाल्के जी ने भारत की पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्माण किया। इसे 3 मई 1913 को जारी किया गया था जिसे पूरा होने में लगभग 7 महीने लगे।
यह एक मूक फिल्म थी इसके शब्दों को सबटाइटल के माध्यम से व्यक्त किया गया था सबटाइटल के लिए तीन अलग-अलग भाषाओं का इस्तेमाल किया गया था जिनमें हिंदी, अंग्रेजी और मराठी शामिल हैं।
इस फिल्म की कहानी पौराणिक कथाओं में वर्णित एक महान शासक राजा हरिश्चंद्र के जीवन पर आधारित है जिसमें D.D. Dabke (Raja Harishchandra), P.G. Sane (Taramati), Bhalachandra D. Phalke (Rohitas) G.V. Sane (Vishwamitra) आदि अभिनेताओं ने काम किया था।
भारत की पहली बोलती फिल्म कौन सी थी
भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा थी जो 1931 में बनाई गई थी। आलम आरा फिल्म का निर्देशन अर्देशिर ईरानी ने किया था जो एक अग्रणी फिल्म निर्माता थे ईरानी ने सिनेमा में ध्वनि के महत्व को महसूस किया और उस समय बन रही कई अन्य समकालीन ध्वनि फिल्मों से पहले आलमारा को पूरा किया था।
आलम आरा 14 मार्च 1931 को मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा में रिलीज़ हुई थी और यह इतनी लोकप्रिय थी कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। अब भारत में सिनेमा एक संपन्न उद्योग बन गया है और जिसकी नीव राजा हरिश्चंद्र और आलम आरा जैसी फिल्मों को माना जाता है।
भारत की पहली रंगीन फिल्म कौन सी थी
भारत की पहली फिल्म किसान कन्या थी जिसे 1937 में रिलीज किया गया था इस फिल्म के डायरेक्टर थे मोती गिडवानी और प्रोड्यूसर अर्देशिर ईरानी थे। अर्देशिर ईरानी भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा (1931) के निर्देशक भी थे। बॉलीवुड में अर्देशिर का योगदान बहुत अहम है।
इस फिल्म की कहानी महान लेखक सआदत हसन मंटो की एक किताब पर आधारित थी। इस फिल्म में गरीब किसानों की हालत को दिखाया गया है जिसमें जमींदार उस समय गरीब किसानों पर कैसे अत्याचार किया करते थे।
पद्मा देवी इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थीं ये फिल्म 2 घंटे 17 मिनट की थी और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पायी थी एक कारण यह भी हो सकता है कि दर्शकों को ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में देखने की इतनी आदत हो गई हो कि उन्होंने पहली रंगीन फिल्म को स्वीकार ही नहीं किया।
यह पहली रंगीन फिल्म थी इसलिए फिल्म को सफल होना चाहिए था लेकिन किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाया।
भारत की पहली 3D फिल्म कौन सी थी
भारत की पहली 3D मूवी ‘माई डियर कुट्टीचथान’ थी जिसे 1984 में साउथ इंडियन सिनेमा ने बनाया था पहली भारतीय 3D मूवी में बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर थी इस फिल्म को दर्शकों ने काफी चाव से देखी थी क्योंकि यह उस समय एक नया अनुभव था।
इस मूवी ने बॉक्स ऑफिस में भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया था जिसे देखते हुए बॉलीवुड ने इसका रीमेक बनाते हुए साल 1988 में छोटा चेतन के नाम से रिलीज किया था।
FAQs
सबसे पुरानी फिल्म का क्या नाम है?
दुनिया की सबसे पुरानी फिल्म का नाम Roundhay Garden Scene है जिसे फ्रांस में बनाया गया था 2.11 सेकंड चलने वाली इस फिल्म ने सिनेमा का आईडिया दिया था जबकि भारत की सबसे पुरानी फिल्म का नाम राजा हरिश्चंद्र है।
सबसे ज्यादा फिल्म बनाने वाला देश कौन सा है?
सबसे ज्यादा फिल्म बनाने वाला देश भारत है भारत में हर साल 1500 से 2000 फिल्में बनाई जाती हैं जो 20 से भी ज्यादा अलग अलग भाषाओं में होती हैं।
फिल्मों को इंग्लिश में क्या बोलते हैं?
फिल्मों को इंग्लिश में Films या Movies बोलते हैं जबकि हिंदी में इसे सिनेमा या चलचित्र कहा जाता है।
सबसे सुपरहिट फिल्म का नाम क्या है?
कमाई के हिसाब से दुनिया की सबसे सुपरहिट फिल्म का नाम ‘अवतार’ 2009 है यह अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी है जबकि भारतीय सिनेमा में यह स्थान दंगल (2016) को मिला हुआ है।
फिल्मों में डबिंग का मतलब क्या होता है?
फिल्मों में डबिंग का मतलब फिल्म की मुख्य भाषा को हटाकर उसे किसी दूसरी भाषा में एडिट करके रिलीज करना उदाहरण के तौर पर हॉलीवुड की अंग्रेजी फिल्मों को हिंदी भाषा में क्रिएट करके उसे भारत में रिलीज करना।
दुनिया की पहली हिंदी फिल्म कौन सी है?
भारत की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र (1913) थी लेकिन यह एक साइलेंट फिल्म थी जो किसी भी भाषा में नहीं थी लेकिन पहली बोलती भाषा आलम आरा (1931) थी जिसे हिंदी भाषा में रिलीज किया गया था।
निष्कर्ष
तो अब आप जान गए होंगे कि विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी कई बार फिल्मे मनोरंजन करने के साथ समाज को आईना दिखाने का काम भी करती हैं फिल्मों का इतिहास 100 साल से अधिक पुराना है पहली फिल्म करीब 2 सेकंड की थी लेकिन आज हम जिन फिल्मों को देखते हैं वह 2 घंटे के लगभग होती हैं।
इंटरनेट के आने से पहले फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघर जाना पड़ता था लेकिन इंटरनेट के आने के बाद काफी लोग ऑनलाइन भी देखने लग गए हैं इंटरनेट की ताकत को समझते हुए अब कई OTT प्लेटफार्म अपने यूजर के लिए ऑनलाइन फिल्में रिलीज भी करवा रहे हैं।
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